भोपाल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने झूठ की इंतहा कर दी है 17 दिसंबर 2018 को शपथ के समय तथा उससे पहले कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में हर सभा में बोलने वाले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मुझे फोटो छपवाने का शौक नहीं है मेरी सरकार विज्ञापन की सरकार नहीं है मैं किसी माफिया के साथ संबंध नहीं रखता दिसंबर 2019 में पूरा 1 वर्ष निकल चुका है परिणाम पूरी जनता देख सकती है पूरे वर्ष भर केवल और केवल मुख्यमंत्री कमलनाथ के फोटो ही छपे हैं पत्रकारों को तो भले ही इन्होंने दरकिनार कर दिया लेकिन मीडिया माफिया को अरबों रुपए के भुगतान केवल अपनी फोटो चमकाने के लिए दिए हैं।
इनकी कार्य करने की शैली भी ऐसी है खुद की टेबल पर एक -दो-दोमहीने तक फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं होते हैं । मंत्रियों के यहां पर तो विधायकों की भी कोई हैसियत नहीं है कि उनकी कोई बात सुन सके ,समझ सके । कार्यकर्ताओं की क्या दुर्दशा हो रही होगी एक आम कार्यकर्ता ही समझ सकता है।मंत्रियों के हाथ में भी कुछ ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जिसे वह दिखा सके कि हमने 1 साल में कुछ विशेष काम किया है वह बेचारे गली मोहल्लों की सड़कों, नालियों की मरम्मत कराने के बहाने वार्ड कार्यालयों के कार्यकर्ताओं के साथ गली मोहल्लों के अंदर भूमि पूजन करते फिर रहे हैं। यह देख कर आम नागरिक यह सोचने पर मजबूर है जो काम एक कार्यकर्ता का होता है वह गली पूछे का काम मंत्री अपने हाथ से उद्घाटन कर रहे हैं क्या यही स्तर बचा है मध्य प्रदेश के मंत्रियों का। अर्थात समझा जा सकता है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तो भ्रष्टाचार इसलिए किया था कि उसने अपने जीवन की शुरुआत बहुत फट गई से की थी तो वही वर्तमान मुख्यमंत्री ने अपनी शुरुआत हजारों कानों के उद्योगों के नाम से पहचाने जाने वाले अपने ख्यातनाम को बचाने के लिए भ्रष्टाचारियों का साथ दे रहे हैं अथवा उनके माध्यम से अवैध वसूली और दलाली के कारोबार को संरक्षण दे रहे हैं है। पूरा मध्य प्रदेश का प्रशासनिक तंत्र सरकारी सहयोग से अय्याशी के कारोबार में डूबा है किसान परेशान है लोगों को रोजगार नहीं है सारी बातें हवा हवाई हो रही है ,और लोगों में प्रचार करा रहे हैं सत्यमेव जयते।

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