बैंक में अपने पैसे की सुरक्षा के लिए लोगों ने किया 14 हजार करोड़ का क्लेम: RBI रिपोर्ट RBI ने अपने सालाना वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा है पीएमसी बैंक फ्रॉड (PMC Bank Fraud Case) मामले के बाद DICGC में 14,100 करोड़ रुपये का क्लेम आया है.
बैंक में अपने पैसे की सुरक्षा के लिए लोगों ने किया 14 हजार करोड़ का क्लेम: RBI रिपोर्ट
RBI ने अपने सालाना वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा है पीएमसी बैंक फ्रॉड (PMC Bank Fraud Case) मामले के बाद DICGC में 14,100 करोड़ रुपये का क्लेम आया है.
मुंबई: डिपॉजिट इन्श्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) के पास पीएमसी बैंक (PMC Bank) मामले के बाद कुल 14,100 करोड़ रुपये का क्लेम आया है. RBI ने इस बारे में जानकारी दी है. हालांकि, RBI ने अपने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (Financial Stability Report) में कहा है अभी इन सभी क्लेम को वास्तविक मान लेना बहुत जल्दी होगी. इसमें से कुछ हिस्सा आने वाले दिन में रिवाइव हो सकते हैं.
RBI के इस वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर माह के अंत तक डीआईसीजीसी के अंतर्गत आने वाले वो सभी बैंक जो लिक्वेडेशन की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं या कमजोर हैं, के लिए यह रकम 14,098 करोड़ रुपये है.
RBI के इस वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर माह के अंत तक डीआईसीजीसी के अंतर्गत आने वाले वो सभी बैंक जो लिक्वेडेशन की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं या कमजोर हैं, के लिए यह रकम 14,098 करोड़ रुपये है.
कोऑपरेटिव बैंकों का 73 फीसदी हिस्सा फ्रॉड के दायरे में
लंबे समय से कॉऑपरेटिव बैंक वित्तीय संकट (Financial Crisis in Cooperative Bank) के दौर से गुजर रहे हैं, जिनमें करीब 6,500 करोड़ रुपये का फ्रॉड सामने आया है. ध्यान देने वाली बात है कि इन बैंकों की कुल संपत्ति केवल 9 हजार करोड़ रुपये की है. इस प्रकार इन बैंकों का 73 फीसदी हिस्सा फ्रॉड के दायरे में आ चुका है. यह सारी रकम केवल एक ही कंपनी से है. यह कपंनी दिवालिया हो चुकी है HDIL है.
सितंबर 2019 में जब एक व्हिसिलब्लोअर ने आरबीआई पीएमसी बैंक में हो रहे घोटालेबाजी के बारे में जानकारी दी थी. आरबीआई ने अपने जांच के बाद बैंक पर कई बड़े प्रतिबंध लगा दिया था.
लंबे समय से कॉऑपरेटिव बैंक वित्तीय संकट (Financial Crisis in Cooperative Bank) के दौर से गुजर रहे हैं, जिनमें करीब 6,500 करोड़ रुपये का फ्रॉड सामने आया है. ध्यान देने वाली बात है कि इन बैंकों की कुल संपत्ति केवल 9 हजार करोड़ रुपये की है. इस प्रकार इन बैंकों का 73 फीसदी हिस्सा फ्रॉड के दायरे में आ चुका है. यह सारी रकम केवल एक ही कंपनी से है. यह कपंनी दिवालिया हो चुकी है HDIL है.
सितंबर 2019 में जब एक व्हिसिलब्लोअर ने आरबीआई पीएमसी बैंक में हो रहे घोटालेबाजी के बारे में जानकारी दी थी. आरबीआई ने अपने जांच के बाद बैंक पर कई बड़े प्रतिबंध लगा दिया था.
कमजोर बैंकों को रिवाइव किया जाएगा
आरबीआई ने अपने रिपोर्ट में कहा, 'यह बात ध्यान देने योग्य है कि कमजोर और निर्देशन के अंतर्गत आने वाले बैंकों को एक तय समय के लिए लिक्विडेशन की प्रक्रिया से गुजरना होगा. कमजोर बैंकों को रिवाइव भी किया जाएगा.' जनवरी 2019 से लेकर अब तक, 30 कॉऑपरेटिव बैंकों पर आरबीआई की निगरानी है.
DICGC में किए गए क्लेम के ब्रेक-अप से पता चलता है कि इसमें से 3,414 करोड़ रुपये के मामले राज्य सहकारी और जिला सहकारी बैंकों के मामले हैं. वहीं, 10,684 करोड़ रुपये शहरी सहकारी बैंकों के हैं, जिनमें से पीएमसी बैंक भी एक है.
आरबीआई ने अपने रिपोर्ट में कहा, 'यह बात ध्यान देने योग्य है कि कमजोर और निर्देशन के अंतर्गत आने वाले बैंकों को एक तय समय के लिए लिक्विडेशन की प्रक्रिया से गुजरना होगा. कमजोर बैंकों को रिवाइव भी किया जाएगा.' जनवरी 2019 से लेकर अब तक, 30 कॉऑपरेटिव बैंकों पर आरबीआई की निगरानी है.
DICGC में किए गए क्लेम के ब्रेक-अप से पता चलता है कि इसमें से 3,414 करोड़ रुपये के मामले राज्य सहकारी और जिला सहकारी बैंकों के मामले हैं. वहीं, 10,684 करोड़ रुपये शहरी सहकारी बैंकों के हैं, जिनमें से पीएमसी बैंक भी एक है.

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