खुली शिकायत न्यूज़ लाइव//भोपाल // टोक्यो ओलिंपिक्स की तैयारी के लिए भोपाल की शूटिंग रेंज बेस्ट है; क्योंकि यह भी टोक्यो की तरह विंडी है
इसके इतर दिल्ली, पुणे और चंडीगढ़ की रेंज के बारे में अंजुम ने कहा- चंडीगढ़ में 50 मीटर की रेंज नहीं है। मुझे आज भी अभ्यास के लिए दिल्ली-मुंबई जाना पड़ता है। जब से शूटिंग शुरू की है तब से यही दिक्कत है। चंडीगढ़ की 10 मीटर रेंज में इलेक्ट्रॉनिक टारगेट नहीं है, हमें आज भी हाथ से कागज लगाकर शूट करना होता है। दिल्ली और पुणे की रेंज को टूर्नामेंट होने पर ही मेंटेन किया जाता है।अंजुम ने कहा- यहां किसी इंटरनेशनल इवेंट जैसी फीलिंग आ रही है क्योंकि शूटर्स ज्यादा हैं और हाई स्कोरिंग मैच हो रहे हैं। भोपाल की रेंज बहुत खूबसूरत है, साथ यह विंडी (हवा का बहाव ज्यादा) है और सुविधाएं भी बहुत अच्छी हैं। यहां की प्रैक्टिस टोक्यो ओलिंपिक में हमारे लिए मददगार साबित होगी। उन्होंने इस रेंज को देशभर में नंबर वन बताया, साथ ही केरल की रेंज को भी अच्छा बताया।
ओलिंपिक की तैयारियों पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा- पिछले साल घुटने में चोट के बाद मैंने मेंटल, फिजिकल और टेक्निकल पहलुओं पर काम किया है। प्रतिद्वंद्वियों के बारे में पूछे जाने पर वे कहती हैं कि ओलिंपिक कोटा हासिल करने वाले सारे देश अच्छे हैं। हर देश के टॉप-3 शूटर्स अच्छा करते हैं।
मानसिक थकान मिटाने के लिए पेंटिंग करती हैं अंजुम
अंजुम मानसिक थकान दूर करने के लिए पेंटिंग का सहारा लेती हैं। चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए वे जहां भी जाती हैं पेंटिंग ब्रश, कलर्स और कैनवास उनके साथ ही जाता है। स्पर्धाओं के दौरान उन्हें जैसे ही टाइम मिलता है वे पेंटिंग करके खुद को रिलैक्स करती हैं।

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