भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 24 साल की लड़की यशी भटनागर की आत्महत्या के मामले पुलिस ने बताया कि लड़की अपने पिता से नाराज थी क्योंकि उसके पिता रेलवे में कर्मचारी है और शताब्दी एक्सप्रेस में एक टिकट कंफर्म नहीं करवा पाए थे।
टीआई मिसरोद निरंजन शर्मा ने बताया कि 24 साल की यशी भटनागर अपनी मां प्रेमलता भटनागर के साथ ईटन पार्क मिसरोद में रहती थी। कैंप नंबर 12 बैरागढ़ में रहने वाले उसके पिता रोहताश भटनागर डीआरएम ऑफिस में ओएस और मां प्रेमलता विदिशा के नर्सिंग कॉलेज में प्रिंसिपल हैं। रोहताश बीच-बीच में पत्नी-बेटी के साथ आकर रहते थे।
रोहताश ने पुलिस को बताया कि उनका भतीजा भोपाल में आया था। यशी ने 3 दिन पहले कहा था कि चचेरे भाई का दिल्ली जाने के लिए शताब्दी में रिजर्वेशन करा दो। बुकिंग फुल होने के कारण उसका टिकट नहीं हो पाया। इसे लेकर यशी ने उनसे कहा था कि रेलवे में होते हुए अगर टिकट नहीं करा सकते हो, तो रेलवे में होने का क्या फायदा है। इस कारण उन्होंने उसे डांट दिया था। इससे वह नाराज थी। 3 दिन से वह उनसे बात भी नहीं कर रही थी।
सब कुछ सामान्य था, रात में परिवार के साथ खाना खाया था
पिता ने पुलिस को बताया कि रात को रोजाना की तरह सभी ने खाना खाया। उसके बाद उनकी पत्नी और बेटी कमरे में सोने चली गई। मैं भी कमरे में सोने चला गया था। उसके बाद क्या हुआ किसी को पता नहीं। रात को करीब ढाई बजे प्रेमलता की नींद खुली, तब पता चला कि यशी ने फांसी लगा ली है।

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