इंदौर में महिला डॉक्टर की मौत के बाद तीन को मिला जीवनदान; एक किडनी 7 मिनिट में सीएचएल हॉस्पिटल के मरीज को पहुंचाई गई तो लीवर भोपाल के मरीज को ट्रांसप्लांट
मध्य्प्रदेश//इंदौर
अंगदान में अव्वल रहे इंदौर में गुरुवार शाम 7.30 एक बार फिर ग्रीन कॉरिडोर बनकर बनाया गया। यह ग्रीन कॉरिडोर डेंटल सर्जन डॉ. संगीता पाटिल की मौत के बाद परिवार की सहमति से बनाया गया। 52 वर्षीय डॉ. सुनीता पिछले दिनों सड़क हादसे में घायल हो गई थी जिस पर उन्हें एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। इस दौरान उनके ब्रेन डेड की स्थिति को देखते हुए उन्हें चोइथराम हॉस्पिटल में रैफर किया गया था जहां बुधवार शाम 6 बजे डॉक्टरों की कमेटी ने ब्रेन डेड सर्टिफाइड किया। परिवार की सहमति के बाद इंदौर सोसायटी फॉर ऑर्गन डोनेशन सक्रिय हुई और कमिश्नर डॉ. पवन कुमार शर्मा से चर्चा कर ग्रीन कॉरिडोर तैयार करवाया। इसके तहत एक किडनी तो वहीं चोइथराम हॉस्पिटल में भर्ती डिंडोरी के एक मरीज तथा दूसरी सीएचएल अस्पताल में भर्ती कोटा एक मरीज को ट्रांसप्लांट की गई। ऐसे ही लीवर को भोपाल के बंसल हॉस्पिटल में भर्ती एक व्यक्ति को ट्रांसप्लांट के लिए मात्र 2.35 मिनिट में पहुंचाया गया। खास बात यह कि चोइथराम हॉस्पिटल से लेकर सीएचएल हॉस्पिटल तक 7 किमी की दूरी मात्र 7 मिनिट में तय कर किडनी पहुंचाई गई। इसके लिए तैयारियां दोपहर से की गई थी।
दरअसल किसी भी मरीज को ब्रेन डेथ डिक्लियर करने के पहले डॉक्टरों की एक कमेटी दो बार ब्रेन डेथ की जांच करती है। बुधवार शाम 4 बजे पहली एप्निया जांच की गई। फिर शाम 6 बजे ब्रेन डेथ सर्टिफाइड किया गया। इसके बाद गुरुवार को स्पेशल टीम ने परीक्षण कर 9.55 बजे डेथ सर्टिफाइड किया। फिर तमाम प्रोसेस कुछ ही घंटों में तैयार की गई। इसके तहत अलग-अलग मेडिकल टीम ने दोनों किडनियां व लीवर निकालकर सुरक्षित किया। इन्हें ऑर्गन्स बॉक्स में पैक कर एम्बुलेंस में रखा गया। फिर तुरंत प्रक्रिया को गति दी गई। इसके पूर्व संगीता की बेटी व मामा से कमिश्नर डॉ. शर्मा व अन्य डॉक्टरों से बात हुई।


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