जबलपुर । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की सभा डेढ़ घंटे की होगी। इसके अलावा वे नर्मदा महाआरती में भी शामिल हो सकते हैं। हालांकि इसको लेकर संस्कृति मंत्रालय की ओर से अभी तक अनुमति नहीं दी गई है लेकिन प्रशासन ने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। रविवार को महाआरती स्थल का निरीक्षण भी कर लिया गया है और महाआरती स्थल पर गृहमंत्री के लिए रैंप बनाने की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। इसके अलावा रात में उनके शहर में रुकने की चर्चाएं भी गरम हैं।
गृहमंत्री अमित शाह का 18 सितंबर को शहर आगमन लगभग तय हो गया है। उनके कार्यक्रम की रूपरेखा भी तैयार हो चुकी है। सोमवार तक जिला प्रशासन की सूची में गृहमंत्री के चार प्रशासनिक और एक पार्टी स्तर का कार्यक्रम शामिल था लेकिन उसके बाद एक और कार्यक्रम जुड़ सकता है। गृहमंत्री के नर्मदा महाआरती में शामिल होने को लेकर प्रदेश के संस्कृति मंत्रालय ने भारत सरकार को पत्र भी लिख दिया है। हालांकि वहां से हरी झंडी मिलना बाकी है फिर भी प्रशासनिक स्तर पर तय ही माना जा रहा है। विदित हो कि अमित शाह पूर्व में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए शहर आए थे। उस दौरान वेटरनरी विश्वविद्यालय के मैदान में सभा हुई थी। तब भी श्री शाह शाम को नर्मदा महाआरती में शामिल हुए थे। इसलिए इस बार भी शामिल होने की संभावना बढ़ गई है। उधर डेढ़ घंटे की जो मंचीय सभा होगी उसमें शुरूआत के एक घंटे में आदिवासी संगठनों के मुख्य पदाधिकारियों को बोलने का मौका दिया जाएगा।
रात्रि रुकने में संशय : गृहमंत्री का रात्रि विश्राम जबलपुर में हो सकता है। हालांकि अभी इस पर संशय बना हुआ है। पिछली दफा महाआरती के बाद वे रात में सर्किट हाउस में रुके थे। इसलिए इस बार भी ऐसा संभव माना जा रहा है लेकिन इस बार गृहमंत्री वायुसेना के विमान से आएंगे साथ ही डुमना में नाइट लैंडिंग की सुविधा शुरू हो गई है। इसलिए उनके रात्रि विश्राम को लेकर संशय है।

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