कोरोना का विलेन कौन / वुहान की जिस लैब में चमगादड़ों पर परीक्षण हुए, उसे अमेरिका से फंड मिलता था, आरोप- यहीं से वायरस निकला
कोरोना का विलेन कौन / वुहान की जिस लैब में चमगादड़ों पर परीक्षण हुए, उसे अमेरिका से फंड मिलता था, आरोप- यहीं से वायरस निकला
- चीनी लैब को अमेरिका ने 29 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद दी, ताकि वे जानवरों पर रिसर्च जारी रख सके
- जनवरी के पहले हफ्ते में यह जानकारी सामने आई थी कि इंसानों में कोरोना का वायरस चमगादड़ से आया
- चीनी वैज्ञानिकों ने वुहान से 1600 किमी दूर यून्नान प्रांत की एक अंधेरी गुफा से इन चमगादड़ों को पकड़ा
बीजिंग. दुनिया में कोरोनावारयस कहां से आया? इस सवाल का जवाब पाना कठिन तो है, लेकिन कोरोना पीड़ितों की उंगलियां चीन और वहां के 64 साल पुराने प्रतिष्ठित संस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की ओर उठी हुई है और अब इसमें अमेरिकी एंगल भी जुड़ने लगा है। दरअसल, 11 अप्रैल को द मेल ऑन संडे ने एक बड़ी खबर का खुलासा करते हुए कहा कि अमेरिका ने वुहान स्थित उस लैब को प्रयोग करने के लिए फंडिंग की थी, जिसके बारे में कहा जाता है कि वहीं से कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में फैला।
लैब-जानवर और संक्रमण की कड़ियों को जोड़ती 9 बातें
1. फंड अमेरिका का, काम चीन का
इस खबर को ब्रिटेन के ही डेली मेल ने 'REVEALED' शीर्षक के साथ सनसनीखेज खबर के रूप में प्रकाशित किया है और तमाम कड़ियों को जोड़ने की कोशिश की है। डेली मेल के मुताबिक वुहान की इस चीनी लैब को अमेरिकी सरकार ने 3.7 मिलियन डॉलर (करीब 29 करोड़ रुपए) की आर्थिक मदद दी, ताकि वो जानवरों पर अपनी रिसर्च जारी रख सके। बताया गया है कि यह फंडिंग पिछले 10 साल से चल रही थी, यानी ओबामा से लेकर ट्रम्प के कार्यकाल तक यह जारी रही।2. पहली बार शक चमगादड़ पर
दरअसल, जनवरी के पहले हफ्ते में पुख्ता जानकारियां सामने आईं थी कि इंसानों में कोरोना का वायरस चमगादड़ से आया। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस ओर इशारा करते हुए कहा था कि ऐसे सबूत बता रहे हैं चमगादड़ इसका वाहक है। अब आरोप यह है कि वुहान की इसी लैब से कोरोनावायरस लीक हुआ और चीन से होता हुआ पूरी दुनिया में फैल गया। इसके बाद अमेरिका ने चीन ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए, पर अब दोनों ही देश बाकी दुनिया के सामने कटघरे में खड़े दिखाई दे रहे हैं3. चीन की गुफा के चमगादड़
चीन के इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिकों ने वुहान से करीब 1600 किलोमीटर दूर यून्नान प्रांत की एक अंधेरी गुफा से इन चमगादड़ों को पकड़ा था। वैज्ञानिक इन पर सूक्ष्मजीवों की मौजूदगी और उनके जीनोम को लेकर कई तरह के प्रयोग कर रहे थे। दरअसल, वायरोलॉजी विज्ञान की वह शाखा है जिसमें प्रोटीन के खोल वाले सबमाइक्रोस्कोपिक, पैरासाइट और वायरसों कणों पर रिसर्च की जाती है।4. वुहान की झींगे वाली पेशेंट जीरो
वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी यहां के वेट मार्केट (जहां पर जंगली जीवों का व्यापार होता है) से सिर्फ 30 किलोमीटर की दूरी पर है और इसी मार्केट में एक महिला के जरिए पहली बार ये कोरोना ने इंसानों में प्रवेश किया। 53 साल की ये महिला वहां झींगे बेचती थी और संक्रमित हो गई थी। हालांकि करीब एक महीने चले इलाज के बाद ये महिला जनवरी में स्वस्थ हो गई थी, लेकिन तब तक वायरस वुहान में फैल चुका था।5. चमगादड़-पेंगोलिन थ्योरी
जब कोरोनावायरस पहली बार नवंबर में वुहान में सामने आया तो इस बात को नजरअंदाज कर दिया गया कि इसका कैरियर कोई जानवर भी हो सकता है। बाद में खुद चीनी वैज्ञानिकों ने शंका जाहिर करते हुए कहा कि ये वायरस चमगादड़ से पेंगोलिन में पेंगोलिन से इंसान में फैला है। इसकी पुष्टि बाद में कोरोना वायरस के जीनोम पर रिसर्च से ही जो युन्नान प्रांत के गुफाओं में रहने वाले चमगादड़ में मौजूद वायरस से मेल खाता है।


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